Body Warning Signs
Body Warning Signsशरीर के चेतावनी संकेत: हमारा शरीर एक जटिल प्रणाली की तरह कार्य करता है। जब इसमें कोई समस्या होती है, तो यह हमें संकेतों के माध्यम से चेतावनी देता है। यदि हम इन संकेतों को समझकर समय पर उपचार करवा लें, तो कई गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन अक्सर लोग इन संकेतों को अनदेखा कर देते हैं, जिससे बीमारी बढ़ सकती है। हमारे पैर भी शरीर की स्थिति के महत्वपूर्ण संकेतक होते हैं। पैरों में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव कई बार गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा करते हैं।
टखनों में सूजन: किडनी या थायराइड की समस्या?
कभी-कभी टखनों में सूजन धीरे-धीरे बढ़ती है और लोगों को इसका एहसास नहीं होता। लेकिन यदि लंबे समय तक टखनों में सूजन बनी रहती है, तो इसे सामान्य न समझें। यह शरीर में पानी जमा होने (वॉटर रिटेंशन), किडनी की समस्या या थायराइड की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। यदि सूजन लगातार बनी रहे या बढ़ती जाए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि यह किसी आंतरिक बीमारी का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है।
पिंडलियों में दर्द: थकान या रक्त प्रवाह में रुकावट?
अधिकतर लोग पिंडलियों में दर्द को थकान, विटामिन डी की कमी या मांसपेशियों में खिंचाव का परिणाम मानते हैं। लेकिन यदि दर्द लगातार बना रहे और आराम करने पर भी राहत न मिले, तो यह क्लॉडिकेशन या पेरिफरल आर्टरी डिजीज (PAD) का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में पैरों की धमनियों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे दर्द और भारीपन महसूस होता है। यह समस्या केवल पैरों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह हृदय रोग का भी संकेत हो सकती है।
हाथ-पैरों का ठंडा पड़ जाना: रक्त संचार में समस्या
कभी-कभी हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना सामान्य होता है, खासकर जब रक्तचाप अचानक कम हो जाता है। लेकिन यदि हाथ-पैर बार-बार ठंडे महसूस हों या उनमें सुन्नपन बना रहे, तो यह पेरिफरल आर्टेरियल डिजीज का लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में पैरों की धमनियां सिकुड़ जाती हैं या उनमें रक्त प्रवाह बाधित हो जाता है। इसके कारण पैरों में ऐंठन, सूजन या झुनझुनी महसूस होती है। समय पर इलाज न कराने पर पैरों में घाव बन सकते हैं, जो ठीक होने में काफी समय लेते हैं।
पैरों का लाल और गर्म होना: डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का खतरा
यदि आपके पैर अचानक गर्म, लाल और सूजे हुए लगने लगें, तो इसे हल्के में न लें। यह डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में पैरों की नसों में रक्त के थक्के (क्लॉट्स) बनने लगते हैं। इन थक्कों के कारण खून का प्रवाह रुक जाता है और पैर में जलन या जलती हुई गर्माहट महसूस होती है। डीवीटी बेहद खतरनाक हो सकता है क्योंकि ये क्लॉट फेफड़ों या हृदय तक पहुंचकर जानलेवा स्थिति पैदा कर सकते हैं। इसलिए इस तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
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